रक्षाबंधन क्या है और भाई बहन के लिए क्या महत्व रखता है?

रक्षा-बंधन एक विशेष हिंदू त्योहार है। जिसे भारत और नेपाल जैसे देश में मनाया जाता है। यह त्यौहार भाई और बहन के बीच प्यार का प्रतीक है। सावन का महीना आते ही दुनिया भर के भारतीय राखी का दिन जानने के लिए उत्सुक हो जाते हैं। कोई भी रिश्तेदारी ना होने के बावजूद भी राखी से भाई बहन का बंधन निभाने का मौका  मिलता है।

Raksha Bandhan Subh Mohrat 2020 to 2026

रक्षा बंधन 2020
3 अगस्त 2020
रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय- 09:28 से 21:14
अपराह्न मुहूर्त- 13:46 से 16:26
प्रदोष काल मुहूर्त- 19:06 से 21:14
पूर्णिमा तिथि आरंभ – 21:28 (2 अगस्त 2020)
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 21:27 (3 अगस्त 2020)
भद्रा समाप्त: 09:28

Raksha Bandhan 2020

रक्षा बंधन 2021
22 अगस्त 2021
रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय- 06:15 से 17:31
अपराह्न मुहूर्त- 13:40 से 16:15
पूर्णिमा तिथि आरंभ – 18:59 (21 अगस्त 2021)
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 17:31 (22 अगस्त 2021)
भद्रा समाप्त: 06:15

Raksha Bandhan 2021

रक्षा बंधन 2022
11 अगस्त 2022
प्रदोष काल रक्षाबंधन मुहूर्त- 20:51 से 21:10
पूर्णिमा तिथि आरंभ – 10:37 (11 अगस्त 2022)
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 07:04 (12 अगस्त 2022)
भद्रा समाप्त- 20:51

Raksha Bandhan 2022

रक्षा बंधन 2023
30 अगस्त 2023
प्रदोष काल रक्षाबंधन मुहूर्त- 21:01
पूर्णिमा तिथि आरंभ – 10:58 (30 अगस्त 2023)
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 07:04 (31 अगस्त 2023)
भद्रा समाप्त- 21:01

Raksha Bandhan 2023

रक्षा बंधन 2024
19 अगस्त
रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय- 13:29 से 21:05
अपराह्न मुहूर्त- 13:42 से 16:17
प्रदोष काल मुहूर्त- 18:52 से 21:05
पूर्णिमा तिथि आरंभ – 03:04 (19 अगस्त 2024)
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 23:54 (19 अगस्त 2024)
भद्रा समाप्त- 13:29

Raksha Bandhan 2024

रक्षा बंधन 2025
9 अगस्त
रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय- 05:51 से 13:24
पूर्णिमा तिथि आरंभ – 14:11 (8 अगस्त 2025)
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 13:24 (9 अगस्त 2025)
भद्रा समाप्त: सूर्योदय से पहले

Raksha Bandhan 2025

रक्षा बंधन 2026
28 अगस्त
रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय- 06:00 से 09:47
पूर्णिमा तिथि आरंभ – 09:08 (27 अगस्त 2026)
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 09:47 (28 अगस्त 2026)
भद्रा समाप्त: सूर्योदय से पहले

Raksha Bandhan 2026



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What is Raksha Bandhan in hindi- रक्षाबंधन क्या है?

रक्षाबंधन का अर्थ होता है "रक्षा सूत्र बांधना"। "रक्षा" का मतलब 'रक्षा' प्रदान करना होता है और "बंधन" का अर्थ होता है एक डोर, जो रक्षा प्रदान करें।

रक्षाबंधन कब मनाया जाता है?  

भारतीय संस्कृति के अनुसार रक्षाबंधन का त्यौहार सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्यौहार आमतौर पर अगस्त में ही आता है। यह त्यौहार भाई और बहन की प्रेम का प्रतीक होता है।

Importance of Raksha Bandhan in Hindi- रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?

राखी का इतिहास तो हमे महाभारत के युग देखने को मिलता है। भगवान श्री कृष्ण को  सुतासुभा देवी नाम की बुआ थी। उसने शिशुपाल नामक एक बच्चे विकृत(तीन आंखें और चार भुजाएं)बच्चे को जन्म दिया था। जिसके स्पर्श शिशुपाल स्वस्थ होगा उसी के हाथों मारा जाएगा।

एक दिन श्री कृष्ण अपने बुआ के घर आए थे। जैसे ही सुतासुभा देवी ने श्री कृष्ण के हाथों में अपने बेटे को दिया। वह बच्चा सुंदर हो गया। माना कि सुतासुभा यह बदलाव देखकर खुश हो गई। लेकिन उसकी मौत श्री कृष्ण के हाथों होने की संभावना से वह विचलित हो गई। वह भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना करने लगी भले ही शिशुपाल कोई गलती कर बैठे लेकिन उसे श्री कृष्ण के हाथों से सजा नहीं मिलनी चाहिए। तो भगवान श्री कृष्ण ने उससे वादा किया,कि मैं उसकी गलतियों को माफ कर दूंगा। लेकिन वहां अगर 100 से ज्यादा गलतियां कर बैठेगा तो मैं उसे जरूर सजा दूंगा।

शिशुपाल बड़ा होकर चैती नामक राज्य का एक राजा बन गया। वह एक राजा भी था और साथ ही साथ भगवान श्री कृष्ण का रिश्तेदार भी। लेकिन वह बहुत क्रूर राजा बन गया। अपने राज्य के लोगों को बहुत सताने लगा। और बार-बार भगवान श्री कृष्ण को चुनौती देने लगा। एक समय मैं तो उसने भरी राज्य सभा में श्रीकृष्ण का अपमान किया और बस शिशुपाल ने उसी दिन 100 गलतियो की सीमा पार कर ली। तुरंत ही भगवान श्री कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र का  शिशुपाल के ऊपर प्रयोग किया।

इसी तरह से बहुत चेतावनी मिलने के बाद भी शिशुपाल ने अपने गुण नहीं बदले और अंत में उसे अपनी सजा भुगतनी पड़ी। भगवान श्री कृष्ण जब क्रोध में अपने सुदर्शन चक्र को छोड़ रहे थे। उनकी उंगली में भी चोट लगी। 

भगवान श्री कृष्ण के आसपास के लोग घाव में कुछ बांधने के लिए इधर-उधर भागने लगे। लेकिन वहां पर खड़ी द्रोपदी कुछ सोचे समझे बिना अपने साड़ी के कोने को फाड़ कर भगवान श्री कृष्ण के घाव पर लपेटा। शुक्रिया प्यारी बहना! तुमने मेरे कष्ट में साथ दिया। तो मैं भी तुम्हारे कष्ट में साथ देने का वचन देता हूं। यह कहकर भगवान श्री कृष्ण ने द्रोपदी कौ उनकी रक्षा करने का आश्वासन दिया। और इस घटना से रक्षा बंधन का प्रारंभ शुरू हुआ।

बाद में जब कौरवों ने पूरी राज्यसभा के सामने द्रोपदी की साड़ी खींचकर उसका अपमान करने का प्रयास किया। तो भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को बचाकर अपना वादा पूरा किया। उस समय से लेकर बहने अपने भाइयों को राखी बांध रही है और बदले में भाई जीवन भर अपनी बहन का रक्षा करने का आश्वासन देता है। 


इस प्रकार रक्षाबंधन से जुड़ी बहुत सी कहानियां हैं। सावन मास के पूर्णिमा पर राखी के अलावा कुछ और त्योहार भी मनाए जाते हैं। इस दिन उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में राधा और कृष्ण की मूर्तियों को पालने में रख के झूला झूलाते हैं,और इस दिन को झूलन पूर्णिमा कहते हैं। उत्तर भारत के कुछ राज्यों में इस दिन पर गेहूं के बीज बोए जाते हैं और इस दिन को कजरी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।  केरल और महाराष्ट्र के लोग इस दिन को नारली पूर्णिमा बुलाते हैं और वे समुद्र देवता की पूजा करते हैं। हालांकि इस दिन कई तरह के उत्सव मनाया जाते हैं। लेकिन उनमें सबसे लोकप्रिय और प्रमुख त्यौहार होता है 'रक्षाबंधन' ।

रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है? - Raksha Bandhan kaise manaya jata hai? 

रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और हाथ की कलाई पर राखी बांधती है। वह अपने भाई की रक्षा के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती है। बदले में भाई अपनी बहन को मिठाई या एक अच्छा उपहार देता है और उसे शुभकामनाएं देता है। साथ ही बहन की हमेशा मदद और रक्षा करने का वचन देता है।

रक्षाबंधन का संदेश:-

रक्षाबंधन दो लोगों के बीच प्रेम और सम्मान का प्रतीक है। आज भी देश भर में लोग इस त्योहार को खुशी और प्रेम से मनाते हैं और एक दूसरे की रक्षा करने का वचन देते हैं। 

मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी ये लेख रक्षाबंधन क्यो मनाया जाता है जरूर पसंद आई होगी। मेरी हमेशा यह कोशिश रहती है की readers को Raksha Bandhan kya hai के विषय मे पूरी जानकारी प्रदान की जिससे उन्हें दुसरी Sites या internet पर उस Articles को खोजने की जरूरत ना पड़े। इससे उनका कीमती Time बचे और उन्हे एक ही जगह पूरी जानकारी प्राप्त हो जाएं । 

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Article Written By Sakshi Jaiswal
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